और फिर आह भरी, अश्क़ बहे, शेर कहे
और फ़िर रक़्स किया, धूल उड़ी, ख़ाक़ हुए
.
.
.
दुनिया बड़ी जालिम है हर बात छिपानी पड़ती है
दिल में दर्द होता है फिर भी होंठो पर हंसी लानी पड़ती है
.
.
.
परायों को अपना बनाना सबसे आसान काम है ,
अपनो को अपना बनाये रखना सबसे मुश्किल काम है |
.
.
.
औरतें बहुत चालाक होती
जा रही हैं !
कल मैंने अपनी साली से मजाक में कहा ….
“साली तो आधी घर वाली होती है ”
अब कम्बख्त
आधी सैलरी मांग रही है …..
ऐसा कोई करता है क्या ??
और फ़िर रक़्स किया, धूल उड़ी, ख़ाक़ हुए
.
.
.
दुनिया बड़ी जालिम है हर बात छिपानी पड़ती है
दिल में दर्द होता है फिर भी होंठो पर हंसी लानी पड़ती है
.
.
.
परायों को अपना बनाना सबसे आसान काम है ,
अपनो को अपना बनाये रखना सबसे मुश्किल काम है |
.
.
.
औरतें बहुत चालाक होती
जा रही हैं !
कल मैंने अपनी साली से मजाक में कहा ….
“साली तो आधी घर वाली होती है ”
अब कम्बख्त
आधी सैलरी मांग रही है …..
ऐसा कोई करता है क्या ??
Comments
Post a Comment